बेतुकी लाइफ स्टाइल से बढ़ता है कैंसर का खतरा : डॉ. भट्ट

विश्व कैंसर दिवस पर कैंसर से बचाव का संदेश
लखनऊ। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में चिकित्सकों ने कैंसर से बचाव का संदेश दिया। कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के निदेशक डॉक्टर एमएलबी भट्ट ने खराब जीवनशैली और गलत खान-पान से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. भट्ट ने बताया कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनावमुक्त जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से बचाव संभव है। साथ ही, उन्होंने तंबाकू, शराब और जंक फूड से परहेज करने की सलाह दी और कहा कि प्रारंभिक लक्षणों की पहचान कर समय रहते उपचार से कैंसर पर नियंत्रण पाया जा सकता है। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान के साथ डॉ. आलोक धवन व अन्य चिकित्सक भी मौजूद थे। श्री चौहान ने अपने संबोधन में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अपने माता-पिता को कैंसर के कारण खोने का अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस बीमारी से लड़ाई में मानसिक सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कैंसर मरीजों के परिवारजनों से अपील की कि वे मरीजों का संबल बनें ताकि वे आत्मविश्वास के साथ इस बीमारी का सामना कर सकें। महिलाओं में बढ़ते स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर को लेकर डॉ. शालिनी सुमन ने कहा कि नियमित स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण से इन बीमारियों को रोका जा सकता है। उन्होंने महिलाओं को 30 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से मैमोग्राफी और पैप स्मीयर टेस्ट करवाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इस गंभीर बीमारी से बचाव किया जा सकता है। डॉ. स्वाति प्रसाद ने बताया कि तंबाकू, गुटखा, पान-मसाला और शराब का सेवन इसके प्रमुख कारण हैं। यदि प्रारंभिक चरण में इसका पता चल जाए तो इलाज संभव है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इन हानिकारक पदार्थों का सेवन छोड़ें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। उन्होंने कहा कि जन-जागरूकता और स्वस्थ आदतों को अपनाकर मुख कैंसर के मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है।
आयुर्वेद से कैंसर नियंत्रण संभव : डॉ. शिल्पी
आयुर्वेदिक चिकित्सा पर चर्चा करते हुए डॉ. शिल्पी ने कहा कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और योग के माध्यम से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने हल्दी, गिलोय, आंवला और अश्वगंधा जैसी औषधियों के महत्व पर प्रकाश डाला, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होती हैं। उन्होंने आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने की अपील की, ताकि गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान कई कैंसर सरवाइवर्स को सम्मानित किया गया, जिन्होंने इस गंभीर बीमारी से लड़कर एक नई जिंदगी पाई। इसके अलावा, कैंसर के क्षेत्र में कार्य कर रही कई संस्थाओं के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया।
कैंसर की पहचान ही इलाज
अगर कैंसर की पहचान समय पर हो जाए तो इलाज आसान होता है। यह कहना है आईएमए अध्यक्ष डॉ. सरिता सिंह का। विश्व कैंसर दिवस पर आईएमए में आयोजित कैंसर जागरूकता संगोष्ठी में डॉ. सरिता सिंह ने बताया कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इसका पता मरीज को देख से चलता है जिस कारण इलाज मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ता है। कार्यक्रम में डॉ. शैलेन्द्र कुमार ने लंग कैंसर के कारण और उससे बचाव के बारे में जानकारी दी। डॉ. यूएस पाल ने ओरल कैंसर पर अपने विचार साझा किए। डॉ. निशा सिंह ने महिलाओं में होने वाले कैंसर के बारे में बताया।
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बायोप्सी जांच की अहम भूमिका
केजीएमयू में आयोजित कार्यक्रम में रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि कैंसर की पहचान के लिए बायोप्सी जांच बहुत अहम है। कई लोग मानते हैं कि बायोप्सी कराने से कैंसर तेजी से फैलता है। यह भ्रम है। बायोप्सी से कैंसर बढ़ता नहीं इससे कैंसर की सटीक जानकारी मिलती है। बताया कि बायोप्सी कैंसर की पुष्टि करने की एक जांच है। बायोप्सी जांच रिपोर्ट इलाज व उसके परिणामों की दिशा तय करती है। आमतौर पर बायोप्सी जांच कराने की सलाह तब दी जाती है जब किसी शारीरिक परीक्षण के दौरान कुछ भी संदिग्ध दिखाई देता है।
कैंसर रोगियों के लिए रक्तदान
कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ के सहयोग से रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि कैंसर के तमाम मरीजों को बार-बार रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। लिहाजा कैंसर मरीजों की जिन्दगी बचाने में युवाओं को सहभागी भरने की जरूरत है। समय-समय पर रक्तदान करें। संस्थान के सीएमएस डॉ. शरद सिंह ने कहा कि कैंसर रोगियों के लिए खून की पर्याप्त मांग को पूरा करने के लिए रक्तदान करें। स्वस्थ्य व्यक्ति समय-समय पर कैंसर मरीजों के लिए रक्तदान करें। ताकि जरूरतमंद कैंसर मरीजों की जान बचाई जा सके। ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की अध्यक्ष डॉ. अंजू दुबे ने कहाकि कैंसर मरीजों को जल्द से जल्द रक्त व उसके अव्यय उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खून की गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जा रहा है।इस शिविर 40 डॉक्टर, कर्मचारियों ने रक्तदान किया। कार्यक्रम में डॉ. गौरव सिंह समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहें।