
लखनऊ । केजीएमयू फेफड़े प्रत्यारोपण कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी में है। ट्रांसप्लांट के लिए बेहद अहम माने जाने वाली एक्स्ट्रा कार्पोरियल मैंब्रेन आक्सीजनेशन (एक्मो) मशीन क्रय करने की प्रक्रिया भी चल रही है। मौजूदा समय में चिविवि में दो एक्मो मशीन हैं। पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में यह मशीन लगेगी जिसके बाद लंग्स ट्रांसप्लांट शुरू हो जाएगा। ट्रांसप्लांट के दौरान मरीज के अंगों को वेंटिलेटर या फिर भी एक्मो मशीन के सपोर्ट पर रखने की जरूरत पड़ती है।
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विभाग में लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए जरूरी एक्मो मशीन खरीदी जा रही है। लगभग 40 लाख रुपए की कीमत की मशीन है। जब मरीज के अंग वेंटिलेटर सपोर्ट के बावजूद ठीक से काम नहीं करते हैं। ऐसे मरीजों को एक्मो पर रखने की जरूरत पड़ती है। करीब तीन साल दो एक्मो मशीन खरीदी गई। जिसमें एक मशीन क्रिटिकल केयर मेडिसिन और दूसरी मेडिसिन विभाग में है। दोनों विभागों में अब तक दो मरीज भर्ती किए गए हैं। तीसरी एक्मो मशीन खरीद पर हाई लेवल परचेज कमेटी के सदस्यों ने मुहर लगा दी है। कंपनी को आर्डर भी दे दिया गया है। हालांकि अभी तक ट्रांसप्लांट के लिए कोई भी डॉक्टर नहीं है। प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ भी नहीं है।