योगी ने कहा देश सेवा नारों या भाषणों से नहीं, बल्कि कर्तव्यों के निर्वहन से होती है

मुख्यमंत्री योगी ने 283 अभ्यर्थियों को वितरित किया नियुक्ति पत्र
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की सेवा नारों या भाषणों से नहीं, बल्कि ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से होती है। जो काम कल करना है, उसे आज ही निपटा लें। तत्परता और पारदर्शिता से काम करने पर जनता आप की कार्य पद्धति को स्वीकार करेगी और वे सफ लता की नई ऊंचाइयों को छू सकेंगे।
मुख्यमंत्री गुरुवार को लोकभवन में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 283 चिकित्सा अधिकारियों और कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों से अपील की कि वे पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें, ताकि उत्तर प्रदेश देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सके।
मुख्यमंत्री ने पछले 8 वर्षों की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षों में हमने प्रदेश में 8.30 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। अगर यह नियुक्तियां सुचिता और पारदर्शिता के साथ नहीं होतीं तो ये सभी मामले कोर्ट में लंबित हो जाते और एक भी भर्ती पूरी नहीं हो पाती। 2017 से पहले की नौकरी को लेकर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाएं लंबित रहती थीं। उस समय उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था, लेकिन असल में बीमारू तत्कालीन व्यवस्था थी। अनिर्णय की स्थिति के कारण समाज का हर तबका तबाह था। उन्होंने कहा कि आज सरकार की तत्परता, सुचिता और पारदर्शिता के कारण प्रदेश नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनकर उभरा है, जो देश की अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए तैयार है। आयुष विभाग में नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आयुषए आयुर्वेदए होम्योपैथी और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां भारत की प्राचीन विरासत का हिस्सा हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने इन पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए अलग मंत्रालय बनाया और आज इसके परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हो चुकी है। वर्तमान में 2114 आयुर्वेद, 254 यूनानी और 1585 होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं। एफ एसएल लैब के 96 कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहा कि जुलाई 2024 में लागू तीन नए कानूनों में एफ एसएल लैब की भूमिका अहम है। किसी भी पीड़ित को समय से न्याय मिले और अपराधी को सजा दिलाने के लिए साक्ष्य जरूरी हैं। पहले प्रदेश में केवल 4 एफ एसएल लैब थीं, अब 12 हैं और 6 निर्माणाधीन हैं।
मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले आजमगढ़ के नौजवानों को होटल या धर्मशाला में जगह नहीं मिलती थी, लेकिन आज वहां से एफ एसएल लैब के लिए टेक्निकल स्टाफ का चयन हो रहा है। अभ्यर्थियों से अपील करते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र मिलने के बाद यह न सोचें कि ड्यूटी न करना आपका अधिकार है। जैसा करेंगे, वैसा फ ल पाएंगे।