सनातन धर्म के सभी स्थलों के लिए नई प्रेरणा का केंद्रबिंदु बनने वाला है श्रीराम मंदिर : योगी

अयोध्या । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर सनातन धर्म के सभी स्थलों के लिए नई प्रेरणा का केंद्र बिंदु बनने वाला है।
योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण- प्रतिष्ठा की पहली सालगिरह पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम के उपरांत अंगद टीले में एक समारोह में रामलला के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी रहे विश्व हिंदू परिषद (विहिप)के नेता अशोक सिंघल को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर योगी ने कहा, सत्य को अधिक दिनों तक धुंधला करके कोई नहीं रख सकता है। सत्य एक दिन उजागर होगा। देश-दुनिया सत्य के रूप में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर प्रभु रामलला के भव्य मंदिर देख रही है। उन्होंने कहा कि प्रभु राम के भव्य मंदिर का निर्माण दुनिया में दबी-कुचली सभ्यता व संस्कृति के लिए संदेश भी है कि लोकतांत्रिक, संविधान सम्मत तरीके से अधिकार लिए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, अयोध्या में राम जन्मभूमि के लिए हुए अनगिनत बलिदान व अग्निपरीक्षा के दौर से बार-बार गुजरने के बाद भी धैर्य न खोना इस अभियान का हिस्सा रहा है। विश्वास है कि हम सब इस पथ के अनुगामी बनेंगे।
योगी ने कहा कि समाज बंटा था तो देवस्थान अपमानित हो रहे थे। उन्होंने आगाह किया जाति व अन्य वादों के आधार पर विभाजित रहेंगे तो अपमानजनक स्थितियों का निरंतर सामना करना पड़ सकता है। एकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्रीय एकात्मता के साथ कार्य करने के संकल्प के साथ हम जुड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय एकात्मता की कड़ी मजबूत होगी तो सनातन धर्म, देश और हम सब भी मजबूत होंगे, लेकिन देश विभाजित या कमजोर होगा और हम जातीयता, क्षेत्र-भाषाई आधार पर विभाजित होंगे तो इसका खामियाजा सबसे पहले धर्मस्थलों, बहन-बेटियों को भुगतना पड़ेगा। प्रतिष्ठा द्वादशी राष्ट्रीय एकात्मता को मजबूत करने का आह्वान कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार राम जन्मभूमि पर प्रभु रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने प्रतिष्ठा-द्वादशी के रूप में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 दिसंबर 1949, रामलला का अपनी जन्मभूमि पर प्रकटीकरण होना, इस पूरी लड़ाई की पृष्ठभूमि को आगे बढ़ाता हुआ आज इन स्थितियों में पहुंचा कि प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष के उपरांत आज मंगलगान के साथ अभिभूत होकर हम सभी गौरव की अनुभूति कर रहे हैं। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी ने कहा कि अनेक तिथियां आईं, जिस पर न्यायसंगत तरीके से मर्यादा के अनुसार धैर्य की अग्नि परीक्षा देते हुए हर भारतवासी गुजरा, लेकिन ध्एय सबका रहा कि प्रभु श्री रामलला विराजमान हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी शुरुआत नौ नवंबर 2019 को हुई, जब न्यायपालिका ने सर्वसम्मति से निर्णय सुनाया कि अयोध्या में जहां विवादित ढांचा था, वह राम जन्मभूमि है। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रभु रामलला के भव्य राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया। 22 जनवरी 2024 (पौष शुक्ल द्वादशी) के दिन मोदी ने देश भर से आए हर तबके के नेतृत्व वर्ग की उपस्थिति व संतों के सानिध्य में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करते हुए रामलला को उनकी जन्मभूमि में प्रतिष्ठित कराने का कार्य किया।