2017 के बाद मिली यूपी को पहचान : मुख्यमंत्री योगी

प्रदेश सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर योगी आदित्यनाथ ने मीडिया कर्मियों को किया संबोधित
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश एक बीमारू राज्य था। यहां अराजक्ता का तांडव होता था। हर दूसरे दिन दंगा होता था। महिलाएं सुरक्षित नहीं थी। प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। किसान आत्महत्या करते थे। देश के विकास में प्रदेश बैरियर था। 8 वर्ष पहले प्रदेश की स्थिति क्या थी सभी जानते हैं, लेकिन अब यूपी बदल चुका है। तंत्र वही है, केवल सरकार बदलने से व्यापक बदलाव कैसे होता है, इसको महसूस किया जा रहा है। आज वही प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन के रूप में जाना जा रहा है। प्रत्येक सेक्टर में विकास हो रहा है। प्रदेश ने गरीब कल्याण क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है, 15 करोड़ प्रदेश वासी मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे है। प्रति व्यक्ति आय और अर्थव्यवस्था में दोगुना से अधिक इजाफा हुआ है। जल्द ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में नम्बर एक पर होगी। आठ वर्ष में 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी है। दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार और नौकरी से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री सोमवार को प्रदेश सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने पर लोकभवन में मीडिया कर्मियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व विजनरी नेतृत्व में सेवा सुरक्षा सुशाशन के 8 वर्ष पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। यूपी नंबर दो की अर्थव्यवस्था है और जल्द नंबर एक बनेगा। यह 8 वर्ष की शानदार यात्रा टीम भावना, स्केल, स्किल और स्पीड का परिणाम है। इन आठ वर्षों में प्रदेश की कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। किसानों की आय दोगुनी हुई है। गन्ना किसानों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से अब तक 2.80 लाख करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया, जो पिछली सरकारों के 22 वर्षों के भुगतान से 60000 करोड़ रुपये अधिक है। एथेनॉल उत्पादन 42 करोड़ लीटर से बढ़कर 177 करोड़ लीटर तक पहुंच गया। 2017 से पहले प्रदेश में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत थी जो आज घटकर 3 प्रतिशत रह गयी है। बीते आठ वर्षों में 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गईं। एमएसएमई सेक्टर में 2 करोड़ से अधिक युवा स्वरोजगार से जुड़े। 50 लाख युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन देकर डिजिटल सक्षम बनाया गया।
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ओडीओपी का निर्यात 86000 करोड़ से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। 31 मार्च तक 1 लाख नए युवा उद्यमी बनाने का लक्ष्य है, जिसमें 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त और गारंटी मुक्त लोन दिया जा रहा है। शिक्षा क्षेत्र में सुधार का जिक्र करते हुए कहा कि पहले नकल को जन्मसिद्ध अधिकार माना जाता था। आज नकल विहीन परीक्षाएं हो रही हैं। पिछले 8 वर्षों में 6 करोड़ से अधिक गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया। 15 करोड़ लोग पिछले 5 वर्षों से मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे हैं। 1.86 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शन दिए गए। 9 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड दिए गए। 56 लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराए गए। 1.06 करोड़ निराश्रित महिलाओं व वृद्धजनों और दिव्यांगों को पेंशन दी जा रही है। यूपी आज एक्सप्रेसवे वाला राज्य हो गया है। आज 6 एक्सप्रेसवे संचालित हैं और 11 पर काम चल रहा है। प्रदेश के अंदर नगरीय विकास के क्षेत्र में भी व्यापक परिवर्तन देखने को मिले हैं। 2016-17 में देश के 10 सबसे गंदे शहर यूपी के थे। आज 17 म्युनिसिपल कॉरपोरेशन स्मार्ट सिटी बन चुके हैं। इस बार के बजट में हर जिला मुख्यालय की नगर पालिका को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना है। लखनऊ, वाराणसी और कानपुर को स्टेट डेवलपमेंट रीजन के रूप में विकसित किया जा रहा है। वाराणसी में देश की पहली रोप-वे सेवा जल्द शुरू होगी।हमने 8 वर्षों में 121000 मजरों को बिजली दी। 2017 से पहले इज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी 14वें स्थान पर था। आज टॉप अचीवर स्टेट है। 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निवेश परियोजनाएं जमीनी धरातल पर उतारी गईं। उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया है। बीते आठ वर्षों में प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई हैं।
कनेक्टिविटी, सुरक्षा और सुविधाओं के विकास ने पर्यटन को बढ़ावा दिया है। जनता पर बिना कुछ बोझ डाले और अतिरिक्त टैक्स के पिछले 8 वर्ष में हमने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। इसका परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश देश का एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। 2017 में यूपी की अर्थव्यवस्था 12.75 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज 27.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई। प्रति व्यक्ति आय 46000 से बढ़कर 124000 रुपये हो गई। 2000 से 2017 तक 3300 करोड़ रुपये का एफडीआई आया, जबकि 2017 से 2024 में 14808 करोड़ रुपये का एफ डीआई आया। मुंबई स्टॉक में 132 कंपनियां केवल उत्तर प्रदेश की है, जिन्होंने वहां पर पंजीकरण कराया और जिनका मार्केट कैपिटल 368162 करोड रुपए से अधिक का है। प्रदेश के अंदर 2017 तक कुल 13000 फैक्ट्रियां थी, जिनकी संख्या आज बढ़कर 26900 से अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।