राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर नई पीढ़ी के अंदर उत्साह : प्रधान

नई दिल्ली । सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि राज्यों में धरातल पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन हो रहा है और इस नीति को लेकर नई पीढ़ी में काफी उत्साह है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा, राज्यों में धरातल पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन हो रहा है और इस नीति को लेकर भारत में सरकारों, समाज और विशेषकर नई पीढ़ी के अंदर अत्यंत उत्साह है तथा इसकी स्वीकृति तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसौदा नियमों को सार्वजनिक कर दिया गया है जिस पर सुझाव दिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूजीसी को सुधारों के लिए नियम बनाने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि मसौदा प्रस्ताव आम जनता के सामने है और प्रत्एक राज्य को इसकी जानकारी दी गई है।
उन्होंने कहा कि दस से अधिक राज्यों ने अपने सुझाव दिए हैं, साथ ही राज्य, केंद्रीय, निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों सहित 52 विश्वविद्यालयों ने भी अपने सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि मसौदे को सार्वजनिक कर दिया गया है और कोई भी इस संबंध में सुझाव दे सकता है। प्रधान ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के चयन के बारे में कहा कि अतीत में इस पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यूजीसी के सुझाव ही किसी भी मामले में मान्य होंगे।
उन्होंने गैर-शैक्षणिक व्यक्ति को कुलपति नियुक्त किए जाने के संबंध में कहा कि वर्तमान परिवेश को देखते हुए, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ व्यक्तियों को शैक्षणिक संस्थानों का नेतृत्व करना चाहिए। प्रधान ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच बढ़े, इसके लिए नई शिक्षा नीति में विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों तक शिक्षा की पहुंच बढ़ाने, गरीब एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल खाई को पाटने के लिए, इसी साल, बजट में देश के सभी सरकारी हाई स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए वित्तीय अनुदान की व्यवस्था की गई है।